मासिक शिवरात्रि: कैसे किया जाता है शिव पूजन? पूजा विधि और महत्व

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By sadhana

मासिक शिवरात्रि (masik Shivratri) शिव जी की पूजा विधि और महत्व

शिव जी को हिंदू धर्म में देवताओं का राजा माना जाता है। उन्हें पूजने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और उनके आशीर्वाद से भक्त की समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं। उनकी पूजा और आराधना से भक्त को आध्यात्मिकता की अनुभूति होती है और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग मिलता है।

शिव जी को निष्काम भक्ति का प्रतीक्षा होता है। यहां मतलब है कि भक्ति कोई व्यक्तिगत लाभ या मांग नहीं होनी चाहिए। जब हम शिव जी की भक्ति करते हैं और उन्हें पूजते हैं बिना किसी स्वार्थ के, तो वे हमारे प्रति प्रसन्न होते हैं।

मासिक शिवरात्रि व्रत को शिव भक्तों द्वारा हर मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत भगवान शिव की पूजा और उनके आराधना का महत्वपूर्ण अवसर है। इस दिन शिवरात्रि का व्रत करने से भगवान शिव की कृपा मिलती है और मान्यताओं के अनुसार व्रती को धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है। यहां शिवरात्रि की पूजा के कुछ महत्वपूर्ण चरणों का वर्णन किया गया है:

मासिक शिवरात्रि: कैसे करे शिव पूजन? पूजा विधि

शिवरात्रि के दिन उठकर स्नान करें और शुद्धिकरण का ध्यान दें। यह शरीरिक और मानसिक रूप से पवित्रता का अनुभव करने में मदद करेगा।

इस दिन शिवलिंग को सजाएं और पूजन के लिए सामग्री तैयार करें। इसमें धूप, दीप, फूल, धातु के कलश, बेल पत्र, बिल्व पत्र, हल्दी, कुमकुम, चावल, घी, दूध, दही, मिष्ठान, फल आदि शामिल हो सकते हैं। इन सामग्रियों का पूजन के साथ शिवलिंग को स्नान कराएं और जल, दूध, घी, धातु के कलशों की अर्चना करें।

शिव मंत्रों का जाप करने से मन का ध्यान केंद्रित होता है। जब हम मंत्र का जाप करते हैं, तो हमारे मन में दूसरे चिन्ताओं और विचारों की चिंता कम होती है और हम आत्मिक अनुभव की स्थिति में प्रवेश करते हैं।

इसलिए शिवरात्रि के दिन शिव मंत्रों का जाप करें, जैसे कि “ॐ नमः शिवाय” या “महामृत्युंजय मंत्र”। यह मंत्र जाप आपको शिव की कृपा और आशीर्वाद प्रदान करेगा।

ध्यान और धार्मिक अध्ययन

शिवरात्रि के दिन अपने मन को शुद्ध करने के लिए ध्यान और धार्मिक अध्ययन करें। इससे आपकी आध्यात्मिकता में वृद्धि होगी और आप भगवान के साथ गहरी संबंध बना सकेंगे।

शिव जी को वैराग्य और त्याग के प्रतीक माना जाता हैं। उनकी पूजा करने से भक्त को अपने आप को अधिक धार्मिक और आध्यात्मिक मार्ग पर ध्यान केंद्रित करने का प्रेरणा मिलता है।

शिवरात्रि व्रत करने से शिव जी की कृपा मिलती है और भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस व्रत का महत्वपूर्ण उद्देश्य है भगवान शिव के प्रति श्रद्धा, भक्ति, आदर्श जीवनशैली और धार्मिक विचारधारा को संवर्धित करना।

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