Jagannath Puri Rath Yatra: जगन्नाथ रथयात्रा आज से शुरू

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By sadhana

जगन्नाथ रथ यात्रा: 2023 कब है? Jagannath Puri Rath Yatra

रथ यात्रा जगन्नाथ पुरी मंदिर का एक महत्वपूर्ण और प्रमुख उत्सव है। यह वार्षिक रूप से पुरी नगर में मनाया जाता है और लाखों भक्तों को आकर्षित करता है। इस यात्रा के दौरान, भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियों को मंदिर से निकालकर उन्हें तीन अलग-अलग रथों में स्थापित किया जाता है। इन रथों को पुरी नगर के मुख्य सड़कों पर ले जाया जाता है और इसे रथ यात्रा कहा जाता है।

जगन्नाथ रथ यात्रा ओडिशा राज्य के पुरी नगर में हर साल आयोजित की जाने वाली एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है। यह यात्रा ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को आयोजित की जाती है, जो आमतौर पर जून या जुलाई महीने में पड़ती है। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और उनकी बहन सुभद्रा को उनके मंदिर से रथों पर बाहर निकालकर नगर के अन्य मंदिर जगहों तक यात्रा कराके उन्हें दर्शाने का होता है।

यह यात्रा प्रतिवर्ष बड़ी धूमधाम और आनंद के साथ मनाई जाती है। रथ यात्रा की तैयारी लगभग दस दिन पहले शुरू होती है। इसके दौरान जगन्नाथ मंदिर के पुरोहित तथा प्राद्युम्न तथा गौड़ा ब्राह्मणों के पास यात्रा के लिए रथ बनवाने की जिम्मेदारी होती है। रथ यात्रा के दिन मंदिर के भक्तों ने जगन्नाथ रथ को ढका हुआ पट उसके ऊपर सजाया होता है और उसे धीरे-धीरे मंदिर से बाहर निकाला जाता है।

रथ यात्रा के दौरान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियों को विशेष धूप, चंदन, फूल और बांस के बने हुए ताजे हार-माला पहनाई जाती है। इन मूर्तियों को रथों पर रखा जाता है और वे रथ के साथ गुड़ियों और गीतों के साथ नगर के अन्य मंदिरों की ओर यात्रा करते हैं। इस यात्रा में लाखों भक्त और पर्यटक भाग लेते हैं और रथ को खींचकर यात्रा करने का अवसर पाने की कोशिश करते हैं।

जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान पूरी नगर में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसके साथ ही लोग धार्मिक गाने-भजनों का आनंद लेते हैं और परंपरागत नृत्य करते हैं। इस त्योहार की विशेषता यह है कि यह सभी वर्ण, जाति और धर्म के लोगों को एक साथ ला देती है और सामाजिक एकता को स्थापित करती है।

जगन्नाथ रथ यात्रा ओडिशा की प्रमुख पर्वों में से एक है और यह त्योहार धार्मिक उत्साह और सांस्कृतिक विविधता का आदर्श उदाहरण है। इसे देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं और इस पवित्र यात्रा का अनुभव करते हैं।

रथ यात्रा का प्रारंभ पुरी नगर में रथ स्थापना के तैयारी के साथ होता है। रथ यात्रा के दिन, भक्त और दर्शनार्थी एकत्रित होते हैं और रथों के पास आकर भगवान की दर्शन करते हैं। रथों को खींचने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है और उन्हें अपने प्रिय देवताओं को अग्रसर करने का सौभाग्य प्राप्त होता है। यात्रा के दौरान भजन-कीर्तन किया जाता है और भक्तों के द्वारा पूजा और आरती की जाती है।

जगन्नाथ रथ यात्रा में लाखों लोगों की भागीदारी होती है और यह उत्सव पवित्र, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का प्रतीक है। यह एक बड़ी आपदा है और भारतीय उपमहाद्वीप के अलावा विदेशों में भी लोग इस उत्सव को मनाते हैं।

जगन्नाथ रथ यात्रा में कई महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखा जाता है:-

रथों की तैयारी

यात्रा के पहले, रथों की तैयारी महत्वपूर्ण होती है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि रथ ठीक से संरक्षित हैं, सुन्दर दिख रहे हैं और सामग्री के साथ सुसज्जित हैं।

यात्रा का सुरक्षा व्यवस्था

यात्रा के दौरान भारी भीड़ और जनसैलाब को संभालने के लिए सुरक्षा व्यवस्था का ध्यान रखा जाता है। पुलिस और सुरक्षा अधिकारी यात्रा के मार्ग पर मौजूद होते हैं और लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखते हैं।

भोजन व्यवस्था

यात्रा के दौरान भक्तों को भोजन की व्यवस्था की जाती है। अन्नदान केंद्र और प्रसाद बांटने के स्थान यात्रा के मार्ग पर स्थापित किए जाते हैं ताकि लोगों को पूजा के दौरान आहार प्राप्त हो सके।

धार्मिक अनुष्ठान

यात्रा के दौरान धार्मिक अनुष्ठान और पूजा की व्यवस्था की जाती है। मंदिर के पुरोहित यात्रा के दौरान विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम, मंत्रचांतन और आरती का आयोजन करते हैं।

रथयात्रा 2023 तिथि

इस वर्ष जून महीने के 20 तारीख को रथयात्रा तिथि का पालन होगा। यह पूरा दिन ही अच्छा कार्य करने के लिए शुभ है।

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