अमावस्या पर भूलकर भी ना करे ये कार्य: आती है एक के बाद एक मुसीबतें

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By sadhana

अमावस्या पर ये कार्य करना होता हैं अशुभ: आयेगी एक के बाद एक मुसीबतें अमावस्या के दिन ये कार्य करने से बचें

हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की अमावस्या कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि मानी जाती है। आकाश में चंद्रमा नहीं दिखाई देता और यह दिन ज्योतिष और तंत्र के क्षेत्र में खास महत्व रखता है। अमावस के दिन आपको कौन से कार्य नहीं करने चाहिए इसके बारे में हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे।

अमावस्या को भूलकर भी कभी ना करें यह काम

बेलपत्र या तुलसी के पत्ते ना तोड़े। यदि आपको अमावस्या के दिन पूजा करनी है, और शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाना है, या फिर देवी देवताओं की पूजा के लिए आपको तुलसी के पत्ते चाहिए, तो आपको इन्हें अमावस्या के दिन नहीं तोड़ना चाहिए। बल्कि इन्हें एक दिन पहले ही तोड़ कर पानी में डालकर रख देना चाहिए।

पितरों का दिन

सुखी अमावस्या का दिन पितरों का दिन होता है। इसीलिए अमावस्या पर गलती से भी शराब, मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए। इस बात का वर्णन पुराणों में भी किया गया है, कि यदि इस दिन कोई गलत कार्यों में लिप्त रहता है, तो वह भविष्य में आर्थिक परेशानियों का सामना अवश्य ही करता है, और धनवान से धनवान व्यक्ति भी कंगाली की अवस्था में आ जाता है।

शारीरिक संबंधों से परहेज

अमावस्या की तिथि पितरों को समर्पित की गई है। इस दिन पूर्वजों को याद करते हुए धार्मिक कार्य करने चाहिए, और अमावस्या के दिन दंपति को शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए। अमावस्या की तिथि पर कोई भी नया कार्य या शुभ कामों के लिए खरीदारी नहीं करनी चाहिए। कोई भी मांगलिक कार्य घर में यदि शुरू किया जाता है, तो वह असफल हो जाता है।

गरीबों को ना करें परेशान।

चूंकि अमावस्या के दिन शनि भगवान की भी पूजा की जाती है। ऐसी स्थिति में आपको गलती से भी किसी असहाय व्यक्ति को अपने स्वार्थ के लिए, परेशान नहीं करना चाहिए। यदि आप किसी व्यक्ति को जो असहाय हैं, और आपकी मदद पर निर्भर है। आप उसे परेशान करते हैं, तो शनिदेव नाराज हो जाते हैं, और आपके जीवन में कष्टों की भरमार हो जाती है।

दान की जाने वाली चीजों को खाने से बचें

अमावस्या के दिन सत्तू का दान और सेवन करने से सौभाग्य मिलता है। सत्तू सेहत के लिए बहुत गुणकारी माना गया है। इस दिन आपको उड़द की दाल या इस से बनी हुई किसी भी सामग्री का सेवन ना करें। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपकी शनि की पूजा निष्फल हो जाती है। अमावस्या के दिन यदि ग्रहण लग रहा है, तो आपको पीपल और तुलसी के पेड़ की पूजा नहीं करनी चाहिए। इससे शनि दोष लगता है, और ग्रहण समाप्त हो जाने के बाद पीपल के पेड़ में घी का दीपक जलाकर शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए। इससे शनि की महादशा में कमी आती है।

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