Gupt Navratri 2023: गुप्त नवरात्रि शुरू, इन नियमों का करें सख्ती से पालन

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By sadhana

गुप्त नवरात्रि में क्या नहीं करना चाहिए

गुप्त नवरात्रि के दौरान ध्यान देने योग्य बातें हैं जिन्हें अनुसरण करने की सलाह दी जाती है।

मां दुर्गा की पूजा और उपासना को निरंतरता से आदर्श रूप से करें। इस समय में उपासना में अंतर्विराम और ध्यान के लिए विशेष समय निकालें।

व्रत और शुचिता का पालन करें। अपने आहार में सत्विक भोजन शामिल करें और अल्कोहल और अनुचित पदार्थों का सेवन न करें। सात्विक और शुद्ध मन से मां दुर्गा के लिए पूजा करें। क्रोध, अहंकार, लोभ और अन्य अशुभ गुणों का त्याग करें।

वशीकरण के प्रयास से बचें। गुप्त नवरात्रि को सकारात्मकता, पूजा और साधना के लिए समर्पित रखें। अन्य व्यक्तियों पर नियंत्रण पाने की कोशिश ना करें।

गुप्त नवरात्रि के दौरान भगवान के प्रतीक रूप में रावण दहन और अन्य शास्त्रीय कार्यक्रमों में भाग लें।

गुप्त नवरात्रि में मांगलिक कार्यों जैसे विवाह, नया उद्यान, घर खरीदने आदि को टालें। इस समय को आधिकारिक तथा अशुभ माना जाता है। उपासना के दौरान मनोरंजक और व्यर्थ कार्यों में समय बर्बाद न करें। समय को सच्चे उपासना और ध्यान में लगाएं।इसके अतिरिक्त निम्न कार्य बिल्कुल ना करें:-

गुप्त नवरात्रि में क्या नहीं करना चाहिए

मुंडन जैसे कार्य ना करें

गुप्त नवरात्रि के दौरान मुंडन या बाल काटने की परंपरा नहीं होती है। इसका कारण यह है कि गुप्त नवरात्रि को संतान प्राप्ति और संतान सुख की विशेष व्रत के रूप में माना जाता है। इसलिए, इस समय बालों को काटने या मुंडन करने को अनुचित माना जाता है।

संतान सुख और संतानों की कृपा को बढ़ाने के लिए भक्तों को अपने बालों का संयम रखना सुझाया जाता है। यह एक पवित्र और आदर्शित परंपरा है जो माता दुर्गा के प्रतीक रूप में इस त्योहार के दौरान प्रदर्शित की जाती है।

इसलिए, गुप्त नवरात्रि में बालों के कटाने या मुंडन के स्थान पर भक्तों को अपने मन और आचरण में संतान सुख के लिए समर्पित रहने का प्रयास करना चाहिए।

ब्रह्मचर्य नियम का पालन करें

गुप्त नवरात्रि के दिनों में पति और पत्नी को ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना सलाह दी जाती है। ब्रह्मचर्य का अर्थ होता है संयमित जीवन जीना और इंद्रियों को नियंत्रित करना। इसका मतलब है कि गुप्त नवरात्रि के दौरान पति और पत्नी को योग्यता और सामर्थ्य के साथ ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना चाहिए।

इसका मतलब है कि इस समय पति और पत्नी को संयमित रहना चाहिए, जिसमें संभोग से बचना, अनुचित संगठन की अवधारणा से दूर रहना और मन और शरीर की पवित्रता को बनाए रखना शामिल होता है। यह एक पवित्र आदत है जो पति और पत्नी को आत्म-नियंत्रण, आदर्शता और आध्यात्मिकता की ओर प्रेरित करती है।

यह ब्रह्मचर्य का पालन पति और पत्नी के आपसी संबंधों को मजबूत करके उन्हें एक आदर्श और स्थिर पारिवारिक वातावरण प्रदान कर सकता है।

ज़मीन नहीं चटाई पर सोएं

गुप्त नवरात्रि में चटाई पर सोना का उपयोग विशेष आदान-प्रदान के लिए किया जाता है। यह एक प्राचीन परंपरा है जो भक्तों को मां दुर्गा की पूजा और उपासना में साथ लेने के लिए प्रेरित करती है। यह एक पवित्र स्थान होता है जहां भक्त ब्रह्मचर्य के नियमों के अनुसार रहते हुए मां दुर्गा के प्रतीक रूप में पूजा करते हैं।

चटाई पर सोने का प्रयोग एक आदर्शित तरीका है जिससे भक्तों को मां दुर्गा के पास आने और उनके समीप रहने का अवसर प्राप्त होता है। यह एक चरण है जिससे भक्त अपनी साधना, पूजा और प्रार्थना को सुगम बना सकते हैं।

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