आषाढ़ अमावस्या, कौनसे उपाय करने चाहिए?
आषाढ़ अमावस्या के दिन पूजा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है |
यह मान्यता है कि इस दिन गीता का पाठ करने से आपके जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं | घर में किसी भी तरह के धन-धान्य की कमी नहीं रहती है | आषाढ़ अमावस्या के दिन पूजा करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है।
- आषाढ़ अमावस्या पर पीपल, आंवला, अशोक, तुलसी, बेलपत्र जैसे पेड़ पौधे लगाने चाहिए | इससे पितृ और देवता प्रसन्न होते हैं।
- इस दिन काली चीटियों को शक्कर मिला हुआ आटा खिलाने से, सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है |
- आपके घर के आस-पास यदि कोई नदी या तालाब है, तो आप मछलियों को आटे की गोलियां बनाकर भी खिला सकते हैं | इससे भी हमारे पूर्वज प्रसन्न होते हैं।
- अमावस्या के दिन पीपल पर जल चढ़ाने से शनि ग्रह से जुड़ें दोष का निवारण होता है
- अमावस्या के दिन काले कुत्ते को रोटी में तेल लगाकर खिलाने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
- आषाढ़ अमावस्या के दिन यदि गरीबों को भोजन कराया जाता है, तो शास्त्रों में इसे विशेष पुण्य कमाने का प्रतीक माना गया है , और इससे आपके जीवन में आने वाली परेशानियां टल जाएंगी।
आषाढ़ अमावस्या:अन्य विधि और उपाय
आषाढ़ अमावस्या के दिन घर के ईशान कोण में एक दिया जलाएं | उसमें गाय का घी केसर और लाल धागे वाली पत्ती का इस्तेमाल करें | ऐसा करने से आपको मां लक्ष्मी आशीर्वाद मिलेगा और घर में धन-धान्य में बढ़ोतरी होगी | पीपल के पेड़ की पूजा करते समय भी आप अमावस्या के दिन फूल, फल, जनेऊ, धूप, दीप और जल चढ़ाकर भगवान विष्णु सहित कई देवताओं का आशीर्वाद पा सकते हैं।
अमावस्या के दिन दीपदान का महत्व
आषाढ़ की अमावस्या के दिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दीपदान का विशेष महत्व है | यदि इस दिन आप किसी पवित्र नदी में फूल और दी जल में रखकर प्रवाहित करेंगे, तो ऐसा करने से आपके जीवन के संकट दूर होंगे | आपको अपने पितरों का आशीर्वाद मिलेगा और मां लक्ष्मी की आप पर कृपा होगी | आपके बिजनेस और सुख समृद्धि में भी वृद्धि होती है।
अमावस के अन्य उपाय क्या है
अमावस की तिथि क्योंकि पितरों को समर्पित करने की तिथि होती है | इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा जरूर करें पीपल के वृक्ष की पूजा करते समय आप भगवान विष्णु के मंत्रों का उच्चारण करें और उसके बाद पीपल के वृक्ष की सात बार परिक्रमा करें। इससे आपके जीवन में हमेशा भगवान विष्णु की कृपा बनी रहेगी।