चतुर्थी के उपाय | संकष्टी चतुर्थी व्रत: 

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By sadhana

चतुर्थी के उपाय

चतुर्थी के दिन कुछ खास उपाय निम्नलिखित हैं:

संकष्टी चतुर्थी व्रत: 

चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा और व्रत करने से आप उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं। इस व्रत के दौरान आप नियमित रूप से गणेश जी की पूजा करें, मंत्र जाप करें और उन्हें विशेष भोग अर्पित करें।

चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए व्रत रखें। इसमें आप एकांत में बैठकर गणेश जी की पूजा कर सकते हैं, मंत्र जाप कर सकते हैं और उन्हें अर्पित कर सकते हैं।

गणेश आरती का पाठ

चतुर्थी के दिन गणेश आरती का पाठ करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है। आप गणेश आरती के पाठ के दौरान उनकी स्तुति कर सकते हैं और उनके प्रकटि के साथ आदर्श अर्पित कर सकते हैं।

महामृत्युंजय मंत्र का जाप

चतुर्थी के दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से स्वास्थ्य, शांति और सुरक्षा मिल सकती है। यह मंत्र भगवान शिव को समर्पित है और निर्माण, प्रतिष्ठा और रक्षा का प्रतीक है।

दूर्वा पूजा

चतुर्थी के दिन दूर्वा की पूजा करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है। दूर्वा की त्रिदल पूजा करें और उसे गणेश जी के सामने सजाएं। दूर्वा पूजा का महत्व पुरानी हिंदू परंपराओं से जुड़ा हुआ है। यह पूजा शास्त्रों में विशेष महत्वपूर्णता प्राप्त करती है और हिंदू धर्म में दूर्वा को गणेश जी के प्रिय पत्र माना जाता है।

लाल चंदन का तिलक

चतुर्थी के दिन अपने स्थिर हाथ की अंगूठी में लाल चंदन का तिलक लगाएं। यह गणेश जी की कृपा और आशीर्वाद का प्रतीक होता है।

मात्र फलाहार करे

 चतुर्थी के दिन आप मात्र फल और व्रत से संयमित आहार ले सकते हैं। इससे आप अपने शरीर को शुद्ध और ध्यान केंद्रित रख सकते हैं। फलाहार एक तरह से सात्विक आहार होता है जो शरीर और मन दोनों को पवित्र करता है। यह मानसिक शुद्धि को बढ़ाता है और आत्मिक विकास को प्रोत्साहित करता है।

चंदन का तिलक लगाएं

 चतुर्थी के दिन चंदन का तिलक लगाने से आपको शुभता और भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है। चंदन का तिलक लगाने से व्यक्ति को शुभता की प्राप्ति होती है। इसे शुभता, समृद्धि, आनंद, स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रतीक के रूप में माना जाता है।

याद रखें कि उपायों के साथ-साथ भगवान गणेश की भक्ति और श्रद्धा अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। आप अपनी भक्ति और अनुष्ठान के साथ चतुर्थी का आचरण करें और इस अवसर को आनंदित और पवित्र बनाएं।

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